My Blog
Total Pageviews
Monday, December 27, 2010
For my parents :*
संगमरमर के पत्तर पर आपने मुझे चलना सिखाया ,
इस कांटो के रस्ते से कैसे चालू ,
इस खठी दुनिया से कैसे लडूं,
आपके बिना यह ज़िन्दगी भी है क्या?............
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment