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Monday, December 27, 2010

Words of the feminist in me!!!

  कजरारे काजल और गजरा  भगवान् से हर  औरत को मिली हुयी भेट है,
    इसे  छिनने  की जुरथ किसने कीहै ,की आज हर वेध्वा सफ्येद रंग की बानिस है !!!!

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